ईडी की छापेमारी, छत्तीसगढ़ में बवाल

इंडिया एज न्यूज नेटवर्क

रायपुर : छत्तीसगढ़ में ईडी की छापेमारी से सियासी गलियारों में भी हलचल मची है। छत्तीसगढ़ के कई शहरों में मंगलवार तड़के से ही ईडी की कार्रवाई जारी है। दो दिन पूर्व आईएएस रानू साहू, जेपी मौर्य, समीर विश्नोई, पूर्व विधायक और शराब-कोल कारोबारियों के डेढ़ दर्जन ठिकानों पर छापेमारी की गईं। इस दौरान ईडी ने एक आईएएस अफसर के घर से करीब चार करोड़ रुपये की नकदी, सोना, करोड़ों की ज्वैलरी और दस्तावेज बरामद किए हैं। साथ ही निवेश व खनन लाइसेंस से जुड़े दस्तावेज भी मिले हैं।

बताया जाता है कि प्राथमिक जांच में लेन-देन और फंडिंग से संबंधित दस्तावेज मिले हैं, जिसमें दर्जनों अधिकारियों नेताओं और रसूखदार लोगों के नाम सामने आए हैं। ईडी की टीम उन्हें भी तलब करने की तैयारी में जुटी हुई है। इस जांच में रकम के स्रोत एवं उसके उसकी डिलीवरी को लेकर तलाशी चल रही है।

बताया जाता है कि जांच के दौरान लेनदेन से संबंधित सैकड़ों कच्चे कागज मिले हैं। इसमें फंडिंग करने वालों के नाम भी मिले हैं। फिलहाल अफसरों कांग्रेसी नेताओं और उनके करीबी ठेकेदार एवं ट्रांसपोर्टरों के ठिकानों पर जांच चल रही है। साथ ही बरामद किए जा रहे दस्तावेजों के संबंध में उनके बयान भी लिए जा रहे हैं।

हालांकि यह नहीं बताया गया है कि ये सब सामान कहां से बरामद किया गया है। सीआरपीएफ के करीब 200 जवान और छत्तीसगढ़ पहुंच गए हैं। रायपुर के अलावा रायगढ़,बिलासपुर, कोरबा में भी कार्रवाई जारी है। ईडी के टारगेट में कोयला और रेत का कारोबार करने वाले लोग ज्यादा हैं।

छत्तीसगढ़ में पिछले तीन दिनों से जारी ईडी की कार्रवाई के बीच आईएएस अफसर समीर विश्नोई सहित दो कोयला व्यापारियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। तीनों को ईडी ने पूछताछ के लिए बुधवार को बुलाया था। कोयला व्यापारियों में सूर्यकांत तिवारी के चाचा लक्ष्मीकांत तिवारी और सुनील अग्रवाल शामिल हैं। वहीं सूर्यकातं तिवारी फरार बताया जा रहा है। तीनों को गिरफ्तारी मनी लॉन्ड्रिंग केस में की गई है।

प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने रायपुर के सयाजी होटल में अपना कैंप आॅफिस बना रखा है। यहीं पर अफसरों से पूछताछ की जा रही है। प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी राजधानी रायपुर के सायाजी होटल में ठहरे हुए हैं। जानकारी के मुताबिक खुद ईडी डायरेक्टर संजय कुमार मिश्रा, ज्वाइंट डायरेक्टर योगेश शर्मा और अभिषेक गोयल रायपुर पहुंचे हुए हैं। इन्होंने सायाजी होटल को अपना वार रूम बनाया है। यहीं आईएएस समीर बिश्नोई और उनकी पत्नी के अलावा आईएएस जेपी मौर्य से भी पूछताछ की जा रही है।

बीते दिनों से प्रवर्तन निदेशालय के 40 अफसरों की टीम तीन आईएएस, पूर्व विधायक और शराब- कोल कारोबारियों के डेढ़ दर्जन ठिकानों पर जांच कर रही है। इन सभी ठिकानों से अब तक चार करोड़ की नकदी और जेवरात सीज किया गया है। इनके यहां से निवेश के साथ साथ खनन लाइसेंस से जुड़े दस्तावेज भी बड़ी संख्या में मिले हैं। इसी के मद्देनजर इन अफसरों से पूछताछ की जा रही है।

प्रदेश के अलग-अलग जिलों में चल रही कार्रवाई के बीच माइनिंग डायरेक्टर जेपी मौर्य और चिप्स (छत्तीसगढ़ इंफोटेक प्रमोशन सोसायटी) के सीईओ समीर विश्नोई और उनकी पत्नी से कल से ही ईडी पूछताछ कर रही ही थी। दोनों अफसरों को बुधवार शाम को ही कैंप आॅफिस बुलाया गया था। अब रायगढ़ कलेक्टर को भी इस पूछताछ में शामिल कर लिया गया है। यह भी बताया जा रहा है कि रानू साहू की मौजूदगी में कलेक्टर बंगले की जांच की जाएगी।

दरअसल, करीब तीन माह पहले जुलाई में इनकम टैक्स की टीम ने कोयला खनन से जुड़े व्यापारियों के यहां छत्तीसगढ़ के कई जिलों में छापे मारे थे। इनमें कोल व्यापारी सूर्यकांत तिवारी भी शामिल हैं। उनके रायपुर और महासमुंद स्थित मकानों पर कार्रवाई की गई थी। कोरबा के भी कुछ कारोबारियों के ठिकानों पर रेड हुई। इसके बाद सूर्यकांत ने दावा किया था कि इनकम टैक्स अफसर बार-बार उन पर दबाव बना रहे थे कि वह सीएम हाउस से जुड़े अधिकारी का नाम लें तो वह ‘छत्तीसगढ़ के एकनाथ शिंदे’ बन सकते हैं। यानि छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री।

रायगढ़ कलेक्टर रानू साहू के नहीं होने पर ईडी ने उनके बंगले को सील कर दिया था। इसके साथ ही दो कर्मचारियों की तैनाती की गई थी। इस बंगले के चार कमरों को काफी अहम माना जा रहा था। इस बीच सोशल मीडिया पर कलेक्टर रानू साहू का एक पत्र भी वायरल हो रहा है। प्रवर्तन निदेशालय के जांच अधिकारी के नाम लिखे गए इस पत्र में कहा गया है कि वे 10 और 11 अक्तूबर को अवकाश पर थीं और हैदराबाद में यशोदा अस्पताल में अपना उपचार करा रही थीं। इस दौरान डॉक्टरों ने उनका एक माइनर आॅपरेशन भी किया है। उसकी रिपोर्ट भी पत्र के साथ अटैच करने की बात कही गई है। आगे बताया गया है कि वे 12 अक्तूबर से अपने कार्यस्थल रायगढ़ पहुंच गई हैं। मेरे द्वारा जिला प्रशासन में पूर्ण पारदर्शिता से कार्य सम्पादित किया जाता है। मैं आश्वस्त करती हूं कि मेरे द्वारा ई.डी. की जांच में पूर्ण सहयोग दिया जायेगा।

इस बीच रायगढ़ कलेक्टर रानू साहू लौट आई। ईडी उनसे और उनके पति व माइनिंग डायरेक्टर जेपी मौर्या से पूछताछ कर रही है।
आईएएस रानू साहू छत्तीसगढ़ की चर्चित महिला अधिकारी हैं। वह अभी रायगढ़ जिले की कलेक्टर हैं। 2010 बैच की आईएएस रानू साहू की गिनती तेज तर्रार अफसरों में होती है। उनका जन्म छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के पांडुका में हुआ है। पति का नाम जयप्रकाश मौर्य है। वह मंत्रालय में सचिव हैं। मां लक्ष्मी साहू जिला पंचायत की सदस्य हैं। पिता अरुण साहू हार्डवेयर की दुकान चलाते हैं। रानू साहू के दो बहन और एक भाई है। बहन महिला विकास विभाग में अधिकारी है।

गरियाबंद की रहने वाली रानू साहू का चयन पहले राज्य पुलिस सेवा के लिए हुआ था। राज्य पुलिस सेवा में चयन के बाद वह डीएसपी के पद पर ज्वाइन की थीं। इसके बाद यूपीएससी की तैयारी करती रहीं। 2010 में आईएएस बनने के बाद उन्हें छत्तीसगढ़ कैडर ही मिला। राज्य के कई जिलों में उन्होंने काम किया है। रायगढ़ उनका चौथा जिला है। सबसे पहले कांकेर की कलेक्टर बनी थीं।

आईएस रानू साहू ने बालोद कलेक्टर के बाद मंत्रालय में कई अहम पद संभाला हैं। उन्होंने पर्यटन मंडल के साथ-साथ जीएसटी कमिश्नर की भी जिम्मेदारी संभाली। उसके बाद उन्हें कोरबा का कलेक्टर बनाया गया था। कोरबा में एक साल से ज्यादा वक्त तक पदस्थ रहीं। कलेक्टर रानू साहू की बेहतर कार्यशैली को देखते हुए रायगढ़ जैसे बड़े जिले की बागडोर सौंपी गई है।
मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने कहा था कि तत्कालीन कोरबा कलेक्टर की कार्यशैली हमेशा से विवादित ही रही है। ऐसा लगता है कि विवादों में घिरे रहना और विवादित काम करना उन्हें अच्छा लगता है। मंत्री ने कहा था कि वे जहां भी रहीं और जिस विभाग में रहीं विवादों में ही उलझी रहीं है। इसलिए उन्होंने इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से भी की है। मंत्री ने कहा था कि तत्कालीन कोरबा कलेक्टर रानू साहू के पदस्थ होने के बाद से ही उन्होंने उनसे बात नहीं की है क्योंकि मैं उनकी कार्यप्रणाली से नाखुश हूं।

वहीं, मंत्री से विवाद के बाद आईएएस रानू साहू का रातोंरात तबादल हो गया था। उन्हें कोरबा से हटाकर रायगढ़ का कलेक्टर बना दिया गया था। अब ईडी की छापेमारी से वह फिर चर्चा में गई हैं। सरकार के मंत्री ने ही इनके खिलाफ जांच की मांग की थी। साथ ही भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। इसके साथ ही बीजेपी विधायक सौरभ सिंह ने डीएमएफ में गड़बड़ी का आरोप लगाकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को इनके खिलाफ लिखित शिकायत भेजी थी।

उधर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ईडी द्वारा जांच के नाम पर किसी को भी अनावश्यक परेशान करने पर पुलिस द्वारा सीधी कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई थी। साथ ही ही कहा था अगर इस तरह की शिकायत पुलिस को मिलती है तो वह कानूनी कार्रवाई सीधे ईडी के खिलाफ करेगी। बता दें कि मुख्यमंत्री ने ईडी और आयकर के आने के पहले ही आशंका जताई थी कि जल्द ही दोनों ही केंद्रीय एजेंसियां छत्तीसगढ़ में सक्रिय हो जाएंगी इसके संकेत पहले ही मिल चुके हैं।

India Edge News Desk

Follow the latest breaking news and developments from Chhattisgarh , Madhya Pradesh , India and around the world with India Edge News newsdesk. From politics and policies to the economy and the environment, from local issues to national events and global affairs, we've got you covered.

Related Articles

Back to top button